काठमाण्डू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली संसद के निचले सदन में विश्वासमत हार गए हैं. ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी, लेकिन वो इतने वोट भी नहीं जुटा पाए । इससे पहले आज प्रतिनिधि सभा के विशेष सत्र में पीएम ओली ने औपचारिक रूप से विश्वास प्रस्ताव पेश किया और सभी सदस्यों से इसके पक्ष में मतदान करने की अपील की। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर प्रधानमंत्री के पक्ष में मतदान का अनुरोध किया था। लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।

सोमवार को नेपाल की संसद में हुए मतदान के दौरान कुल 232 सांसदों ने भाग लिया। इनमें से 124 ने ओली के विरोध में, जबकि 93 ने पक्ष में मतदान किया। सदन में 15 सांसद तटस्‍थ रहे। ओली को सरकार बचाने के लिए कुल 136 वोटों की जरूरत थी। नेपाल की संसद में कुल 271 सदस्य हैं। माधव नेपाल और झालानाथ खनाल ग्रुप ने मतदान में हिस्‍सा नहीं लिया। नेपाली संसद की अगली बैठक अब गुरुवार को होगी। तब आगे की रणनीति पर विचार होगा। फरवरी 2018 में ओली दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे।

आपको बता दें कि पुष्पकमल दहल प्रचंड की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद ओली की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद आज संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। संसद सचिवालय ने कोरोना पॉजिटिव सांसदों को मतदान में भाग लेने के लिए विशेष व्यवस्था की थी। निचले सदन में 121 सदस्य सत्तारूढ़ CPN-UML (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी) के साथ हैं। हालांकि, ओली को उम्मीद थी कि विश्वास मत के दौरान अन्य दलों के सांसदों के समर्थन से वह बहुमत साबित करेंगे। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

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