सीएम ने जून में की थी घोषणा
लखीमपुर खीरी। जून 2020 में सीएम योगी ने लखीमपुर में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की थी। 233 करोड़ लागत का बजट भी बना था। ₹ 20 करोड़ अवमुक्त भी हो गया था। डीएम एसके सिंह ने सैदापुर भाऊ में जमीन की सिफारिश की थी। ग्राम सभा की करीब 20 एकड़ भूमि मेडिकल कालेज के नाम अंतरित भी हो गयी थी। यह उस समय हुआ था जब कमिश्नर लखीमपुर में कैम्प कर रहे थे। लोग खुश हुए थे। । इसी बीच कई प्रभावशाली लोगों ने ग्राम ताहिरपुर में जमीनों का सौदा तय कर लिया और वही मेडिकल कालेज ले जाने की डीएम से सिफारिश करवा दी। यह मामला चल ही रहा था कि कुछ जनप्रतिनिधियों ने प्रयास करके फिर सैदापुर भाऊ की जमीन की हरी झंडी शासन को दिलवा दी।आशा बंधी कि मेडिकल कालेज बनना शुरू हो जाएगा। पीडब्लूडी ने आर्किटेक्ट बनाना भी शुरू कर दिया था। अब महंत प्रेम गिरी महाराज बनारस ने दावा किया है कि सैदापुर भाऊ की जमीन जूना अखाड़ा की है। गिरी ने डीडीसी लखीमपुर की अदालत में निगरानी डाली है जिसमे 28 सितम्बर के उस आदेश को चुनौती दी गयी जिसमे जमीन नवीन परती, जंगल, झाड़ी में दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री की घोषणा के 7 महीना बाद भी मेडिकल कालेज के बनने की शुरूवात नही हो पाई है।