मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से किया वर्चुअल संवाद

जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में शामिल हुए नवनियुक्त शिक्षक

लखीमपुर-खीरी। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए लोक सेवा आयोग उप्र प्रयागराज से पूरे प्रदेश में 436 नव चयनित प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापक का निष्पक्ष एवं पारदर्शी ऑनलाइन पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण समारोह वर्चुअल आयोजित हुआ। जिसमे खीरी के 04 पुरुष व एक महिला शामिल है। जिला सूचना एवं विज्ञान केंद्र (एनआईसी) में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम से 05 नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षा के प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापक ने खीरी सांसद अजय मिश्र टेनी, विधायक सदर योगेश वर्मा, विधायक श्रीनगर मंजू त्यागी, सांसद धौरहरा प्रतिनिधि सुमित तिवारी व सांसद प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय, डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईओएस ओपी त्रिपाठी की मौजूदगी में शामिल हुए। एनआईसी में जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी नवनियुक्त महिला एवं पुरुष सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र का वितरण किया। वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा के सभी नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्हें उनकी अपार सफलता पर शुभकामनाएं देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करके अमूल चूल परिवर्तन किए। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों में विषय की समझ को पैदा करें। शिक्षण एक पवित्र कार्य हैए यदि तन्मयता से कार्य करेंगे तो पूरा जीवन यशस्वी होगा। सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा समाज में सबसे बड़ी ताकत है जो समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई सभी नियुक्तियों पर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता। सुचिता एवं पारदर्शी ढंग से यथा योग्य लोगों की नियुक्ति की गई है। नव चयनित शिक्षकों की नियुक्ति से पठन.पाठन का बेहतर माहौल बनेगा। तकनीक का उपयोग पारदर्शी पदस्थापन एवं नियुक्तियों में किया गया। गत वर्षों में उप्र लोक सेवा आयोग सहित अन्य भर्ती बोर्डो में लोगों का विश्वास बढ़ा है। योग्यता के अनुरूप उनका शासकीय सेवाओं में चयन हुआ है। बेहतर आचरण और कृतित्व से अपने व्यक्तित्व को चमकाएं। अपनी क्षमता को पहचानेए अकेला शिक्षक समाज में व्यापक परिवर्तन कर सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि को जागृत करके यादगार पारी खेल सकते हैं। अपनी पूरी ऊर्जा एवं क्षमता का उपयोग विद्यालयों के कायाकल्प में कीजिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम व विषय की समझ सहित तकनीक से जुड़कर आप योग्य शिक्षक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होतीए प्रत्येक गतिविधि से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है। छात्रों की जिज्ञासा के प्रति हर वक्त जागरूक रहें। छात्र.छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान के साथ साथ संस्कारपरक शिक्षा देकर उनका सर्वांगीण विकास करें। नवनियुक्त शिक्षक अपने आवंटित विद्यालयों को रचनात्मकता का केंद्र बनाएं। पठन.पाठन के साथ सरकार की नीतियोंए कार्यक्रमों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी रखने के साथ ही बच्चों एवं उनके परिवारों को उससे जोड़े.

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