लखीमपुर-खीरी। शारदानगर के निकट ग्राम रौली रामापुर में हो रहे पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में पं राजेश दीक्षित ने श्रीमद् प्रज्ञा पुराण की पावन कथा सुनाई, जिससे श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। महायज्ञ में पं अवधेश बाजपेई ने संगीत दिया एवं यज्ञ संपन्न कराया। यज्ञ में सैकड़ों परिजनों ने आहुतियां डाली।
अखिल विश्व गायत्री परिवार परिव्राजक पं राजेश दीक्षित ने श्रोताओं को बताया कि भक्ति समर्पण नाम है सच्चा, भक्त कभी छल कपट का व्यवहार नहीं कर सकता। प्रभु केवल प्रेम के भूखे हैं। जब तक ह््रदय में काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार का बसेरा है तब तक प्रभु मन मंदिर में नहीं आ सकते। प्रेम गली अति सांकरी तामें दो न समाय। सच्चा समर्पण किया था मीरा ने, भगवान उसके साथ नाचते गाते थे। उसका विष का प्याला भी अमृत हो गया, सर्प पिटारी फूलों की माला बन गई। समर्पण किया तुलसी, सूर, कवीर ने, भगवान ने रामवोला को तुलसी दास बनाया। इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।