– गोला में चैती मेला के सांस्कृतिक मंच हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
गोला गोकर्णनाथ।
छोटी काशी में ऐतिहासिक चैती मेला- 2024 के सांस्कृतिक मंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कवियों ने विभिन्न विधाओं में काव्य पाठ कर महफिल में वीर, हास्य, करुण, श्रृंगार रस बिखेरा।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि एसडीएम न्यायिक मधुसूदन गुप्ता, विशिष्ट अतिथि डॉ आशुतोष गुप्ता, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक इन्द्रजीत सिंह, नायब तहसीलदार सर्वेश यादव, विद्यालय प्रबन्धक प्रधानाचार्य कल्याण समिति प्रदेश महामंत्री शैलेंद्र सक्सेना, कार्यक्रम अध्यक्ष तहसीलदार सुखवीर सिंह और नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
श्रृंगार रस की .डॉ कीर्ति काले नई दिल्ली ने मातृ पितृ भक्ति कुछ यूं बयां की-
अयोध्या में अगर ढूंढेंगे तो श्रीराम मिलते हैं
जो वृंदावन में ढूंढेंगे तो फिर घनश्याम मिलते हैं।
अगर काशी में ढूढ़ोंगे तो भोलेनाथ मिल जाएं
मगर मां बाप के चरणों में चारों धाम मिलते हैं।
कवि सम्मेलन के .संयोजक आशीष अनल ने पढ़ा-
आओ मैं सुनाऊ तुम्हे जनता का मन
शायद तुम्हार भी हो इसमें कथन
माना कहीं कहीं थोड़ा अलगाव था
महंगाई के मुद्दे पे भी चढ़ा ताव था
किंतु सारी कमियों को माफ कर दिया
बाकी 22 फरवरी ने साफ कर दिया
झंडा फिर फहरायेगा तो मोदी ही
मानो या न मानो आयेगा तो मोदी ही।
फरीदाबाद के डॉ दिनेश रघुवंशी ने अपनी रचना पेश की
दिल में उल्फत संभाल के रखना
ये इबादत संभाल कर रखना।
लोग नफरत संभाले बैठे हैं
तू मोहब्बत संभालकर रखना।।
गाजियाबाद से हास्य रस के कवि खुशाल कौशलेन्द्र ने कहा
खुशी सुख चैन अब सबे घराने में नहीं मिलती
सुकूं की पिंडगी हमाके दुकानों में नहीं मिलती
बहुत अनमोल दौलत है दुआ ले लो बुजुर्गों की
ये वो दौलत है जो सबको ख्वाबों में नहीं मिलती।
मेरठ के अजहर इकबाल ने यूं बयां किया-
इतना संगीन पाप कौन करे
मेरे दुःख पर विलाप कौन करे
चेतना मर चुकी है लोगों की
पाप पर पश्चाताप कौन करे।
हास्य एवं व्यंग्य कवि डॉ प्रवीन शुक्ल दिल्ली ने पढ़ा
तू ही मेरी एक बी है तू ही मेरी इंतहा है
साइट भी तू ही मेरी और मेरा ने तू
चाकलेट दिवस पे बचा दू चाकलेट तुझे
साठ किलो की है खुद मेरी चाकलेट तू
.सुदीप भोला जबलपुर ने कहा-
पापा ने हैप्पी बर्थ डे पर मोबाइल दिलवाया था
आन लाइन हो ई पढ़ाई किस्तों पर मंगवाया था
पढ़ो बेटियों बढो बेटियों उनमें मन में ठाना था
दुनिया कर लेंगी मुट्ठी में दुनियां को दिखलाना था
उसी मोबाईल से वे लड़की इंस्टाग्राम चलाती है
पढ़ती नहीं पढ़ाती है दिन भर रील बनाती है।
.दिव्या मीरा ने बयां किया-
बरसों पहले का बोया इश्क
खिलखिला गया है अभी अभी
भला इश्क भी, बूढ़ा हुआ है कभी।।
संतोष आनंद ने ने रचना पेश की
इक प्यार का नगमा है मौजो की रवानी है,
जिंदगी कुछ भी नहीं
तेरी मेरी कहानी है।
.डॉ हरिओम पवार ने अपनी रचना पेश की
मै ताजों के लिए समर्पण बंदन गीत नहीं गाता
दरबारों के लिए कभी अभिनंदन गीत नहीं गाता
चाहे गौण भले हो जाउ मौन नहीं रह सकता मैं
पुत्र मोह में शस्त्र छोड़कर द्रोण नहीं हो सकता मैं।।
सांस्कृतिक मंच का संचालन करते हुए मेला प्रभारी मोहित गिरि ने आए हुए अतिथियों का आभार जताया।
कवि सम्मेलन में दीपक पुरी, नीरज चौहान, अवधेश मिश्र, गौरव ज्ञान त्रिपाठी, राजेश राठौर, गीता विश्वकर्मा, रेखा मिश्रा, सभासद इजरान अहमद अंसारी, धर्मेंद्र जायसवाल, धर्मेद्र कुमार बाल्मीकि, आनन्द सोनी, हर्ष अवस्थी, धर्मेंद्र कुमार तिवारी, सौरभ तिवारी, शाहिद अंसारी, आनन्दकिशोर गिरि भोली, शब्बन खां, हरिओम वर्मा, रियाजुद्दीन, सुशील कुमार कश्यप, नानक चंद्र वर्मा, रज्जन खान, राजेश कुमार वर्मा, राजेश अवस्थी, आशीष अवस्थी, दानिश राईन, मोहित कुमार कनौजिया, सुरेश जायसवाल, कफील अहमद, शत्रोहन मिश्र, रविंद्र कटियार, धीरज बाजपेयी, नगर पालिका परिषद के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक संदीप कुमार वर्मा, लिपिक अमित श्रीवास्तव, शिवम् भारती, रामसिंह, अवधेश कुमार, आशुतोष शुक्ला, प्रेमप्रकाश पाठक, ऋषि कुमार, रितेश कुमार, अरविंद कुमार, मोहित अवस्थी, विमलेश वर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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