लखीमपुर खीरी। दक्षिणी खीरी वन प्रभाग की मोहम्मदी रेंज परिसर में मंगलवार को दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा आदि अधिकारियों की मौजूदगी में डब्लूडब्लूएफ इंडिया के सौजन्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मौजूद कई वन रेंजों के वनकर्मियो, बाघ मित्रों को मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने आदि का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला को संबोधित कर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के वरिष्ठ समन्वयक डॉ मुदित गुप्ता ने पीलीभीत, दक्षिणी खीरी वन प्रभाग, बफर जोन और कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में बाघ मित्रों के बारे में बताया। कहा कि अभी और कार्यक्रम होने हैं। उत्तर खीरी वन प्रभाग के  प्रभागीय वनाधिकारी सौरीश सहाय बफर जोन के सभी रेंजो में बाघ मित्रों के बारे में बताते हुए कहा कि अभी बाघ मित्रों को और प्रशिक्षित करने संसाधनों से लैस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बफरजोन भौगोलिक रूप से काफी बड़ा प्रभाग है। वन्य जीव से संबंधित काफी काफी समस्या है। इसके लिए डब्लूडब्लूएफ से अनुरोध है कि उनको संसाधन और प्रशिक्षण में सहयोग किया जाए।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने भी प्रबंधन और मानव वन्य जीव संघर्ष के बारे में बताया और पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा की। पीलीभीत से आए नरेश कुमार ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ मित्रों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा डाटा कलेक्शन के बारे में बताया। रोहित रवि ने वन्यजीवों की मॉनिटरिंग करने के लिए कैमरा ट्रिप और जीपीएस के प्रयोग के बारे में बताया। एमडी ललित वर्मा ने दुधवा रिजर्व बफर जोन कर्तनिया घाट में स्थापित कई महत्वपूर्ण संसाधनों के बारे में सुझाव दिए। इस मौके पर रेंजर गोला संजीव तिवारी, रेंजर मोहम्मदी नरेश पाल सिंह समेत समस्त वन कर्मी और बाघ मित्र मौजूद रहे।

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