लखीमपुर खीरी। मलेरिया फैलाने के लिए जिम्मेदार और संक्रमण के संवाहक एनाफीलिंजा, क्यूलेक्स आदि मच्छरों की जिले में भरमार है। मच्छरों के खात्में को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार दवाओं का छिड़काव कर रहा है। साफ-सफाई से लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद न मच्छर कम हो रहे हैं और न ही डेगू मलेरिया। शुरूआती दिनों में 12 मलेरिया, दो डेंगू और एईएस का एक केस मिल चुके हैं। गर्मी बढ़ने के साथ और बारिश के मौसम में संक्रमण के मामले और बढ़ने की आंशका है।
जिले में साल दर साल मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से संक्रमाक रोग भी बढ़ते जा रहे हैं। मच्छरों की संख्या कम और संक्रामक रोगों पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों की मदद से दवाओं का छिड़काव के साथ ही साफ-सफाई व जागरूकता अभियान चलाता है। विभागीय आंकड़ों की माने तो वर्ष 2022 में 103 मलेरिया के केस पाए गए थे। संक्रमण कम कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने युद्धस्तर पर प्रयास किए, लेकिन वर्ष 2023 में मलेरिया के 298 मामले पाए गए हैं। इस वर्ष भी संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो चुका है, लेकिन मच्छरों की संख्या पर कोई भी असर नहीं है। लाख प्रयास के बाद भी मच्छरों की संख्या कम न होने की कई वजह है। एक तो मलेरिया विभाग के पास पर्याप्त फील्ड ऑफीसर नहीं है, तो वहीं दूसरी वजह जनपद में ठीक से साफ-सफाई नहीं की जा रही है।
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अब तक 170 लीटर खर्च हो चुकी मेथाइल दवा

मच्छरों के खात्मे के लिए मलेरिया विभाग ने अब तक 170 लीटर से अधिक मेथाइल दवा खर्च कर चुकी है। लगातार दवाओं का छिड़काव जारी है, लेकिन विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से छिड़काव का कार्य युद्धस्तर पर नहीं हो पा रहा है।
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यह हैं मलेरिया के लक्षण

– सिर दर्द व उल्टी आना।
– सर्दी व कंपकंपी के साथ तेज बुखार।
– बुखार हर रोज या एक दिन छोड़कर आना।
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ऐसे करें बचाव

– बुखार होने पर खून की जांच करवाएं।
– ऐसे कपड़े पहनें, जिनसे बाहें और टांगें ढकी रहे।
– डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें।
– नीम-हकीमों के चक्कर में न पड़ें।
– अपने आसपास गंदा पानी न जमने दें
– साफ-सफाई उचित रखे।
– मच्छरदानी का प्रयोग करें।
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मच्छरों की संख्या कम और संक्रमण रोगों पर लगाम लगाने के लिए लगातार दवा छिड़काव के साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बृहस्पतिवार को जिले में विश्व मलेरिया दिवस पर विशेष कार्यक्रम हो रहा है। इसमें जागरूकता रैली के साथ कार्यशाला आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। – हरी शंकर, जिला मलेरिया अधिकारी

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