भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए रोमांचक पहले टी 20 मुकाबले में भारत ने कंगारू टीम को 2 विकेट से मात दी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 208 रनों का लक्ष्य रखा था। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के दोनों ओपनर जल्द आउट हो गए लेकिन सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन की साझेदारी ने भारत को अच्छी स्थिति में ला दिया था। अंतिम ओवरों में मैच फंस गया। आखिरी गेंद पर 1 रन जीत के लिए भारत को चाहिए था जिस पर रिंकू सिंह ने छक्का मारकर भारत को जीत दिलाई। हालांकि, आईसीसी इस छक्के को नहीं मानेगा, ये 6 रन रिंकू सिंह के खाते में भी नहीं जुड़ेंगे।
भारतीय टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए 7 रन चाहिए थे, साथ ही 5 विकेट हाथ में थे। ऑस्ट्रेलिया के लिए आखिरी ओवर शॉन एबॉट ने डाला, रिंकू सिंह ने पहली ही गेंद पर चौका मारकर भारतीय खेमे को राहत की सांस दिलाई। अगली गेंद पर रिंकू सिंह ने 1 रन लिया। तीसरी गेंद पर अक्षर पटेल कैच आउट हो गए, वह बड़ा शॉट मारने गए लेकिन बल्ले पर गेंद सही से नहीं लग पाई और गेंदबाज ने खुद इस गेंद को पकड़ा।
वहीं अब आखिरी गेंद पर भारतीय टीम को 1 रन चाहिए था। जिस पर स्ट्राइक पर रिंकू सिंह थे। वह भी सभी की उम्मीदों पर खरे उतरे और सामने की ओर छक्का जड़ दिया। इसी के साथ पूरा स्टेडियम झूम उठा। भारत इस मैच को 2 विकेट से जीत गया लेकिन आपको बता दें कि इस छक्के को आईसीसी ने माना ही नहीं, और रिंकू सिंह के खाते में भी ये 6 रन नहीं जुड़ पाए।
क्या है नियम?
इसके पीछे का कारण नो बॉल थी। एबॉट की आखिरी गेंद नो बॉल की, ऑनफील्ड अंपायर ने इस गेंद को नो बॉल नहीं दी लेकिन थर्ड अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया। जैसा आप जानते हो कि थर्ड अंपायर हर गेंद को नो बॉल चेक करता है और अगर ऑनफील्ड अंपायर इसे नो बॉल नहीं भी देता तो थर्ड अंपायर इसमें हस्तक्षेप कर इसे नो बॉल करार देता है। भारत को जीत के लिए 1 रन की दरकार थी इसलिए नो बॉल के साथ ही टीम इंडिया जीत गया था और रिंकू के आखिरी छक्के को आईसीसी ने नहीं माना।

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