हाल के दशकों में, मधुमेह एक गंभीर बीमारी बनकर उभरी है। आज के समय से छोटे-छोटे बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाता है। इस साल विश्व मधुमेह दिवस का विषय ’मधुमेह देखभाल तक पहुंच’ रखा गया है। ऐसे में चलिए आपको कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं, जो चोरी-चोरी आपके शरीर में टाइप-2 मधुमेह के विकास के जोखिम को बढ़ा रहे हैं।
मिठास से भरी पीने की चीजें- सोडा और फलों के रस में बहुत अधिक चीनी की मिलावट होती है। इसलिए इन चीजों का नियमित सेवन करने से टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। सोडा और फलों के रस की जगह नारियल पानी, बिना चीनी वाली चाय या फलों के ताजा रस का सेवन करें। इससे मधुमेह का जोखिम काम होगा।
सफेद ब्रेड जैसी चीजें- मैदा और परिष्कृत अनाज से बने खाद्य पदार्थों में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ये खून में शर्करा के स्तर को बढ़ाता है, जो मधुमेह का कारण बन सकता है। इसलिए इन चीजों का कम से कम सेवन करें। आप चाहें तो इन चीजों को ब्राउन राइस, क्विनोआ या साबुत अनाज वाली ब्रेड से बदल सकते हैं।
प्रोसेस्ड मीट- बेकन, सॉसेज और डेली मीट को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए इनमें केमिकल और प्रीजरवेटिव मिलाए जाते हैं। ये केमिकल और प्रीजरवेटिव मधुमेह के खतरे को बढ़ाने में योगदान देते हैं। इसलिए डब्बा या पैकेट में बंद मीट का सेवन करने से परहेज करें और इसकी जगह ताजा मीट का सेवन करें।
आलू के चिप्स जैसी चीजें- आलू के चिप्स और फ्रेंच फ्राइज़ जैसी चीजें खाने में बड़ी स्वस्दिष्ट लगती हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि टाइप-2 मधुमेह के खतरे को बढ़ाने में इन दोनों चीजों का बड़ा योगदान है। ये दोनों चीजें ख़राब तेलों में तली जाती है। इसलिए इनका लगातार सेवन करने से मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।

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